अतिसुंदर व्याख्या युक्त संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
विस्तार से राम चंद्र जी के मंदिर का विवरण प्रस्तुत किया है, और अब नए सिरे से उसके निर्माण की प्रक्रिया गति शील है,आक्रांन्ता इसी तरह से संस्कृति पर हमला करके मनोबल को कमजोर करने का प्रयास करते रहे हैं, विश्व विजय की आकांक्षाओं को पालने वाले आज भी कायम हैं, चीन उसकी झांकी के रूप में सामने है, अब हमें उससे निपटने की तैयारी में जुट जाने का प्रयास करना है, किन्तु वह दिखाई नहीं दे रहा, पड़ोसी मुल्क भी असहज करने में लगे हैं, चुनौती बड़ी है,उस पर ज्यादा फोकस होना चाहिए, मंदिर निर्माण को धर्माधिकारियों के सुपुर्द ही रखना उचित होगा, हां देश की भावनाओं के अनुरूप मंदिर निर्माण की जरूरत है, और उसका मार्ग न्यायालय प्रसस्त कर चुका है,हो सकता है मेरी बात को अन्यथा लिया जाए, फिर भी मेरा मानना है कि सरकार की मूल भूत प्राथमिकता शिक्षा,स्वास्थय, आजिविका के अनुकूल वातावरण, खाद्यान्न उत्पादन, सीमाओं की सुरक्षा, रोजगार सृजन, और समृद्ध देश के लिए स्वस्थ आर्थिक प्रतिस्पर्धा, सार्वजनिक उपक्रमों का निर्माण, परिवहन सुविधा आदि आम आवश्यकता पर केन्द्रित रहना उपयुक्त होगा। सादर प्रणाम
आप की बात सही है। विपरीत परिस्थितियों से निपटने को तैयार एवं सजग और सचेत रहने की आवश्यकता है। आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर
सलाम
वाल्लेकमसलाम