Comments (8)
19 Jul 2020 11:19 AM
बहुत सुंदर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
19 Jul 2020 12:37 PM
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद
19 Jul 2020 11:13 AM
ईश्वर को अपनी अराध्य मानकर,या स्वयं को ही ईश्वर की प्रेयसी मानकर यह शब्द सार्थकता का आभास कराते हैं,सादरश् श्रीमान।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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19 Jul 2020 12:37 PM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
19 Jul 2020 07:08 AM
बहुत खूब लाजवाब
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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19 Jul 2020 07:16 AM
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद
प्रेम की अनुपम कृति ।
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद सर