Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (4)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
18 Jul 2020 11:26 AM

यह हमारे स्वभाव में रच-बस गया है, बार बार उन्ही पर जां न्यौछावर कर देते हैं, जिन्होंने हमें जख्म दिए हैं, और यह पुनरावृति हम हर हाल में करते रहेंगे! चाहे कांग्रेस की ओर से हो,या फिर भाजपा की ओर से,वह चाहे चीन के साथ हो,या पाकिस्तान के अतिरिक्त नेपाल, बंगला देश, श्रीलंका, आदि लम्बी श्रृंखला है,कवि तो अपने भाव प्रकट कर सकता है, नीति निर्धारण का कार्य शासन-व्यवस्था को ही करना है,सादर

सही है साहब और हम कर भी क्या सकते हैं। आपको सादर नमस्कार धन्यवाद

बहुत सुंदर सर

आपको सादर अभिवादन धन्यवाद

Loading...