Comments (14)
16 Jul 2020 07:52 PM
लिखो कोई नया छंद,या कोई तराना।गाए जो मिलकर सारा जमाना।
16 Jul 2020 04:27 PM
लिखो खूब लिखो ,
कहाँ कोई लिखने वाले को रोक सका है,
यह वो सम्नदर है,
जिस में हर कोई डूब चूका है.
16 Jul 2020 02:59 PM
अरमान अधूरे हैं, जज़्बात अधूरे हैंं।
इज़हार अधूरे हैं , अल्फ़ाज़ अधूरे।
अधूरी सी ज़िंदगी के फलसफ़े अधूरे हैं।
क्या लिखूं मेरी श़ायरी के उनवान अधूरे हैंं।
श़ुक्रिया !
बेहतरीन?✍️
Thank you