Comments (4)
5 Jul 2020 07:29 AM
सांप्रदायिक सद्भाव एवं सहअस्तित्व की भावना को प्रेरित करती हुई सुंदर संदेशपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
5 Jul 2020 08:03 AM
सादर नमस्कार आपका धन्यवाद सर
बापू को समर्पित उक्त पंक्ति में, इंसानियत का मर्म व्यक्त किया है, किंतु जब आज बापू को अप्रासंगिक ठहराने का कुचक्र चलाया जा रहा हो, और अधिकांशतः ऐसे लोगों से सहमत हुए जा रहे हों तो,तब धर्म संप्रदाय की इस आग में कौन है जो बापू के दर्शन को अपनाएं! चंद लोग जो मुख्य होकर आगे बढ़ सकें।सादर अभिवादन
सच है, कट्टर सोच भारत ही नहीं वल्कि विश्व को , मानवता को बहुत नुकसानदायक है। आपको सादर प्रणाम धन्यवाद