Comments (6)
29 Jun 2020 07:55 AM
आज सोचा तो आंसू भर आए।
मुद्दतें हो गई मुस्कुराए।
जिंदगी दर्द बनके रह गई है।
दर्द दिल में छुपाए छुपाए।
आज सोचा तो आंसू भर आए।
श़ुक्रिया !
Kalpana tripathi
Author
29 Jun 2020 12:22 PM
Bahut sundar jindagi dard hi deti hai
29 Jun 2020 06:53 AM
पीर हरे जो जन जन की वे गीत धरा पर गाएं,
नाता नहीं रहा दर्द से कैसे गीत सुनाऊं। बहुत सुंदर भाव है
Kalpana tripathi
Author
29 Jun 2020 12:23 PM
Bahut accha kaha aapne dhanyawad
नारी के दर्द की सुन्दर प्रस्तुति ।
धन्यवाद!
Dhanyawad