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29 Jun 2020 08:44 AM

नारी के दर्द की सुन्दर प्रस्तुति ।
धन्यवाद!

29 Jun 2020 12:21 PM

Dhanyawad

आज सोचा तो आंसू भर आए।
मुद्दतें हो गई मुस्कुराए।
जिंदगी दर्द बनके रह गई है।
दर्द दिल में छुपाए छुपाए।
आज सोचा तो आंसू भर आए।

श़ुक्रिया !

29 Jun 2020 12:22 PM

Bahut sundar jindagi dard hi deti hai

पीर हरे जो जन जन की वे गीत धरा पर गाएं,
नाता नहीं रहा दर्द से कैसे गीत सुनाऊं। बहुत सुंदर भाव है

29 Jun 2020 12:23 PM

Bahut accha kaha aapne dhanyawad

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