Comments (5)
24 Jun 2020 12:23 PM
बहुत सुन्दर रचना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
24 Jun 2020 01:28 PM
आपका हृदय से आभार नमस्कार
30 Jun 2020 04:19 PM
??
खुद को ना ढुंढ पाए, पढ़ाते हैं ज़माने को, सुंदर व्यग्यं भी है उलाहना भी!
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद