Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (4)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
10 Jun 2020 11:54 AM

बहुत सुंदर, है लघु कविता किन्तु कथित गूढ है ।
धन्यवाद!

10 Jun 2020 07:42 PM

जी शुक्रिया

आपका कथन सत्य है जब मन ही विकारयुक्त रहेगा स्वस्थ शरीर की कामना कैसे की जा सकती है।
विकारों से स्वतंत्र मन ही स्वस्थ शरीर दे सकता है।

धन्यवाद !

10 Jun 2020 07:43 PM

सादर आभार बंधुवर

Loading...