Comments (4)
30 Apr 2020 05:03 PM
नौकरशाही पर कुठाराघात करती रचना
30 Apr 2020 04:58 PM
Sundar
30 Apr 2020 10:34 AM
जानते थे वो आम आदमी की भावनाओं को भुनाना।
भावनाओं की लहर को भुनाकर लोकतंत्र के बाप बन बैठे हैं।
धन्यवाद !
केजरवाल जैसे झूठे नेताओं को बेनकाब करने के लिए शुक्रिया