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कुछ समझ ना आया कब ख़त्म हुआ कब हुआ ये शुरू। हक़ीक़त तब समझ आई जब ख़त्म हुआ ये इश्क़ का फ़ितूर।
श़ुक्रिया !
कुछ समझ ना आया कब ख़त्म हुआ कब हुआ ये शुरू।
हक़ीक़त तब समझ आई जब ख़त्म हुआ ये इश्क़ का फ़ितूर।
श़ुक्रिया !