Comments (5)
13 Feb 2020 12:08 PM
जो मय़स्स़र था उसे ही नस़ीब समझा।
मेरी फ़ितरत नहीं मुक़द्दर से शिकायत करने की।
श़ुक्रिया !
अरशद रसूल बदायूंनी
Author
12 Feb 2020 11:18 PM
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
12 Feb 2020 11:15 PM
आपकी ग़ज़ल का हर शेर लाजवाब है। बहुत-बहुत मुबारकबाद।
अरशद रसूल बदायूंनी
Author
13 Feb 2020 12:17 PM
शुक्रिया
बेहतरीन