Comments (5)
31 Dec 2019 12:27 PM
श़ुक्रिया !
कृष्णकांत गुर्जर
Author
31 Dec 2019 03:50 PM
आपका नंबर मिल जाए तो बड़ी मेहरबानी होगी
31 Dec 2019 12:25 PM
इश्क की ख़ातिर हम जान -ओ-तन फिदा कर बैठे ।
पी चुके बहुत तेरी बेवफ़ाई ज़हर अब तल़क।
कर लें दवा इस दर्दे दिल की लगाकर म़रहम दिल के ज़ख़्मों पर।
होश में तो आ लें अब परे जाँ थे ख़ुद से अब तल़क भुलाकर अपनी हस्ती फ़ँसते रहे तेरे फैलाए जालों मे।
कृष्णकांत गुर्जर
Author
31 Dec 2019 03:49 PM
वाह वाह
9632096130
स्वागत है।