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मनस पटल पर अंग प्रत्यंग मे तुम , तुम तो उर मे भी हो समाये । तुम बिन जीवन अनुभूति कैसी जब तुम हो हर धड़कन मे समाये । धन्यवाद !
हार्दिक धन्यवाद?? आ०जी
मनस पटल पर अंग प्रत्यंग मे तुम , तुम तो उर मे भी हो समाये ।
तुम बिन जीवन अनुभूति कैसी जब तुम हो हर धड़कन मे समाये ।
धन्यवाद !
हार्दिक धन्यवाद?? आ०जी