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18 May 2016 05:31 PM

बीना जी बहुत ही मार्मिक कविता है आपकी। मन को छू गयी । एक भाई की मनोदशा का बहुत मार्मिक वर्णन किया है आपने । सच लिखा आपने ,बड़ो की गलत सोच का फल और दुःख आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ता है । इस कविता को पढ़कर जरूर लोगों को सही दिशा मिलेगी । इस सुन्दर रचना के लिए आपको दिली दाद ।

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