सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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30 Jun 2022 12:32 PM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद आपका
नहीं झांकता अंतस में अपने, बाहर ताकता रहता है।बहुत सुंदर वर्णन और सत्य वचन।