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सत्य कथन, ये काव्य रचना प्रलय कराने के उद्देश्य से नहीं लिखी गई है, ये रचना बस लोगों को उनके गिरते मानवीय मूल्यों का एहसास दिलाने, एवं सत्कर्मों के पथ पर अग्रसर होने के लिए रची गई है,
वैसे प्रकृति की तरफ से जवाब भी आ गया है जो कि काबिले तारीफ है, राजेश जी को मेरे तरफ से सादर अभिवादन “नहीं करता मैं विश्राम, सृजन ही मेरा काम ____ गीत” के लिए “

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