वो ही बचा रहे हैं संविधान के रूप में
बाबा साहेब ने अपने को अवतार नहीं कहा
ना ये कहा सब कुछ मेरी इच्छा से होता है
वो अगर संविधान के रूप में बचा रहे है तो फिर इतना तांडव क्यों हो रहा है भारत मे?? अगर अबलाओं की लाज लूटी जा रही है तो संविधान क्या कर रहा है…रोक क्यों नही पा रहा…
बाबा साहेब को समझने में अभी बहुत टाइम लगेगा आपको….बाबा साहेब को समझना आप जैसे लोगों के बस की बात नही है…
लगता है तुम मानसिक रोगी हो
आशाराम
राम-रहीम और रामपाल जैसे लोगों को संविधान ने ही जेल भिजवाया
दामिनी के बलात्कारियों को भी फांसी संविधान के तहत ही दी गई।
संविधान को चलाने वाले चोर है संविधान तो सभी के हक़ और अधिकारों की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं बंधु
बहुत जल्दी निर्णय कर लेते हो मानसिक रोगी के सम्बंध में…किसी डॉक्टर से मशविरा करो जनाब…ऐसे जल्दबाजी के लक्षण उचित नही…
गलत संविधान नही है…गलत है ऊपर से नीचे तक की सीरीज…जो संविधान का हवाला तब देती है जब उनके मतलब की बात हो…आपने 4 उदाहरण दिए मैं 40 दे सकता हु जहां संविधान कुछ नही उखाड़ पाया…क्यों कि कुछ निकम्मे उनकी दीवार बनकर खड़े हो गए…
कितने दोगले किस्म के लोग होते है दुनिया मे…अगर फांसी मिली तो संविधान ने दिलवाई ओर अगर बलात्कारी खुला घूम रहा है तो उसका जिम्मेदार संविधान चलाने वाला या कृष्ण है…
मैं भी आपकी ही तरह उसी समाज से हु जिस समाज से आप हो…लेकिन आपमे ओर मुझमे आधारभूत फर्क है…जो आपकी भाषा से ही प्रतीत हो जाता है…
.
आज आजादी के 74 सांल बाद दलित आज भी दलित है…क्यों कि दलित शब्द भिखारी के उस घाव की तरह है जिसे वो ठीक करना ही नही चाहता…आज तक तो संविधान आप के तथाकथित दलित समाज को उस कलंक से बाहर निकाल नही पाया…
जब कोई मुल्ला बलात्कारी होता है तब आप के मुंह मे दही जम जाता है भले ही वो आपके खुद के समाज की लड़की का बलात्कार हुआ हो…विरोध का एक शब्द भी नही निकलता…
हिन्दू धर्म के देवी देवताओं पर पाखण्डवाद का ठप्पा लगाने वाले आप जैसे लोग मुस्लिम त्योहारों में बड़ी ही वैज्ञानिकता ढूंढ लेते है…उस टाइम तो नही बोलते कि कब आओगे अपने बेटे को काटने…नही बोल सकते क्यों कि अगर ऐसा किया तो आप जानते है कि वो क्या करेंगे…
हिंदू देवी देवताओं के बारे में संविधान आपको छूट देता है क्यों कि बाबा साहब लिखकर गए थे ऐसा करने को…
बाबा साहेब आज अगर वापिस भी आ जाएं तो आप जैसे हजारों लोग उनको ही गलत साबित करने में जुट जाएंगे क्यों कि उनके एजेंडे का विरोध हो रहा होगा…
आप जैसे लोग समाज, देश, ओर बाबा साहेब के विचारों पर एक कलंक की तरह हो…ऐसा कलंक जिसे बाबा साहेब खुद भी नही मिटा सकते..
ओर महाशय जिन आशाराम राम रहीम ओर भी जिनकी बात आप कर रहे हो संविधान एक को भी रोक पाए तो बता दो…बलात्कार किये ही न उन्होंने…कृष्ण ने तो बाकायदा रोका था ..
संविधान कभी भी रोक नही पाया..सिर्फ घटना घटने के बाद उसे सजा ही दिलवा पाया है वो भी चलाने वालों की सक्रियता के कारण…न जाने कितने ऐसे बलात्कारी खुले घूम रहे है और आज भी बलात्कार हो रहे है..कहाँ रोक पा रहा है बतातो तो सही…ऊपर आपने अपने कमेंट में रोक पाने की बात कही है उस पर बोल रहा हु…
कृष्ण ने तो रोका भी था ओर सजा भी दी थी…जब तक वो जिंदा था…आज वो नही है…ओर जन्माष्टमी पर आपने जो उसके आने की ओर क्या क्या करने की बात कही है तो अम्बेडकर जयंती पर बाबा साहेब खुद आते ही होंगे…बाबा साहेब क्यों नही आ जाते दलितों के उद्धार के लिए..ओर अगर नही आ सकते तो फिर अम्बेडकर जयंती क्यों?? उन्होंने तो नही कहा कि मुझे भगवान का दर्जा दो..
उन्होंने कहा खूब पढ़ो…हम लोग नही पढ़े..उन्होंने कहा आरक्षण दलितों को ऊपर उठाने के लिए है, हम अपने ही समाज के दलितों का हक मारने लग गए.., उन्होंने कहा जाति छुआछूत खत्म हो, हम आज तक अपने खुद के बहुजन या दलित समाज की ऊंच नीच खत्म नही कर पाए…
कौनसी आभाषी दुनिया मे जीते हो जनाब…
मैं भी आता तो उसी तथाकथित दलित समाज से हु लेकिन आपके जैसा दलित बुद्धि नही हु.
मुझे हिन्दू होने पर गर्व है.. आपके जैसी सड़ी गली कचरे की पेटी जैसे वामपंथी मानसिकता जैसे लोग हजारों आये हजारों आएंगे लेकिन सनातन धर्म को आप जैसे लोग पहले भी कोशिश कर चुके..आगे भी करेंगे..लेकिन कर कुछ नही पाएंगे…आप तो चीज ही क्या हो..तुकबन्दी करके अपनी जमात ओर मौलवी जमात को खुश करने वाले चाटुकार…जिसे न साहित्य शब्द का पता ओर न ही उसकी परिभाषा का…जिसे काव्य के नियम का पता नही सिर्फ उल जुलूल कुछ भी नफरत फैलाने ओर समाज में जहर घोलने की बातें करता है…
ऐसा तथाकथित साहित्य जिसमे न लेखनी न वर्तनी न विचार न भाव न ही सशक्त अभिव्यक्ति ..
ऐसे साहित्य पर थूकना भी थूक को अपमानित करना है…
जय भारत
जय श्री कृष्ण…
जय संविधान
सत्य वचन बन्धु…कृष्ण ने कर्म का संदेश दिया…अकर्मण्य लोगों के लिए कृष्ण नही है…
कृष्ण अर्जुन की सहायता भी तभी कर पाया जब वो स्वयं तैयार हो गया….कृष्ण मोटिवेशन देते है..कर्म तो खुद को ही करना होगा…
जय श्री कृष्ण
कौन से हिंदू हो
अछूत हिंदू
या
स्वर्ण हिंदू
आप कविता का मर्म पढ़ेंगे तो समझ जाएंगे
लेकिन आपने कुछ और पढ़ लिया है आदरणीय
एक बार दोबारा कविता का मर्म पढ़ें
आपका स्वागत है
तुच्छ मानसिकता के गुलाम प्राणी कितना बड़ा साहित्यकार है तू सामने बैठकर कभी कंपटीशन करना औकात पता चल जाएगी
बाबा साहेब को बुलाओ..वो नही आएंगे क्या बचाने..