सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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21 Jun 2021 09:18 AM
सही कहा आपने, आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
बहुत खूब !
ग़ैरों के ग़रेबाँँ में झांकने वाले ,
अपने दाम़न के दाग़ों को देखते नहीं ,
करते आय़द जो इल्ज़ाम ग़ैरों पर बने मुंसिफ़ ,
खुद करें लाख जुर्म कभी मुजरिम बनते नहीं ,
श़ुक्रिया !