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कवि त्रिकालदर्शी होता है आपकी रचना को सभी कवि अपनी अंतर्दृष्टि से पढ़ रहें हैं और उसे वोट भी दे रहे हैं मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैं भी आपकी रचना को अपनी अंतर्दृष्टि से पढ़कर वोट दे रहा हूं।
प्रतियोगिता में लोग रचना को पढ़कर वोट नहीं देते हैं, बल्कि कवि के परिचय के आधार पर उसे वोट देते हैं, रचना कितनी भी सुंदर हो किंतु जब तक कवि की अन्य लोगों के साथ पकड़ नहीं होगी तब तक वोट नहीं मिलता, कुछ लोग बिना रचना पढ़े ही वोट देते हैं और कमेंट में लिख कर वोट मांगते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि मैंने तुम्हें वोट दिया है तुम भी मुझे वोट दो यह प्रथा बहुत ही निंदनीय है। इसी श्रेणी में आदरणीय आरती जी की रचना है जिसे बुद्धिजीवी लोग वोट दे रहे हैं जबकि रचना कहीं नहीं है। मेरे विचार से सभी लोग आरती जी को वोट दे देते जिससे सर्वश्रेष्ठ रचना घोषित हो जाती और प्रथम पुरस्कार हेतु रचना चयनित की जाती।

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