Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

नमस्कार श्री मान शुक्ल जी, राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों का साहित्य से क्या लेना-देना है। जहां इनको तरजीह दी गई, वहां कार्यक्रम का सत्यानाश सुनिश्चित है। बहुत ही बुरा लगता है जब ये दोनों ही समयाभाव का बहाना कर भाग जाते हैं।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

जी आदरणीय, सादर प्रणाम।

Loading...