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17 Jan 2021 11:51 AM

वसंत ऋतु के आगमन पर उसके रंग रूप, उसकी मदहोश करती बयार और प्रकृति का श्रृंगार अनेकानेक खुशियों का अहसास लिए यह ऋतु बेजोड़ है, महोदय इस ऋतु के अवसर पर मेरी काब्य संग्रह” भावनाओं के भंवर में मेरे पैंसठ बसंत” भी छप कर मुझ तक पहुंचने की प्रक्रिया में है, इसका प्रकाशन साहित्य पीडिया के सौजन्य से ही संभव हो पाया है! इस सुखद अनुभूति के साथ सादर प्रणाम श्रीमान चतुर्वेदी जी!

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आपको सादर प्रणाम, मुझे काव्य संग्रह का इंतजार रहेगा। आपको बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं।

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