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4 Sep 2020 01:07 PM

गूढ़ एवं अदृश्य शक्ति का श्रोत शब्द में निहित है, यह शब्द ही है जो हमें यह अहसास कराते हैं कि कोई हमसे चाहता क्या है, शब्द ही भाव विभोर करते हैं और शब्द ही आहत भी, शायद इस लिए शब्द का इतना महत्त्व है,आप विद्वज्जन है,इसको परिभाषित करने में समर्थ हैं,हम तो सामान्य ज्ञान रखने वाले इसे इसी रूप समझते रहे हैं,सादर प्रणाम, चतुर्वेदी जी को।

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आपको सादर प्रणाम धन्यवाद ऊ

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