Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2020 01:41 PM

आमीन,अमीन, मां के प्रति ऐसे विचार सच में, बहुत सुंदर भाव है, किन्तु जीवन में जब जीवन संगिनी से वास्ता पड़ता है,तब मां को वही स्थान दिया जा सके, तभी यह उदगार सही मायने में अपनी अहमियत रखते हैं, इस दायित्व के निर्वहन के लिए संगिनी का सहयोग भी अति आवश्यक है, और यह तभी सम्भव है जब मां और पत्नी (बेगम) में संतुलन बिठाया जा सके, और कम ही लोग हैं जो यह कर पाते हैं, आपकी भावनाओं को शुभकामनाएं देते हुए।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
2 Aug 2020 02:32 PM

धन्यवाद आदरणीय

Loading...