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शिक्षामित्रों की वेदना के स्वर की काव्य अभिव्यक्ति सराहनीय है।
यह एक त्रासदी है कि हमारे देश में शिक्षक वर्ग हमेशा उपेक्षित ही रहा है।
जितना प्रोत्साहन एवं मानदेय उन्हें मिलना चाहिए उससे वे हमेशा वंचित रहे हैं ।
शिक्षण संस्थाओं में राजनीतिकरण के चलते इस विषय में कोई सुधार नहीं हुआ है।
सरकारी शिक्षक को शिक्षण के अलावा अनेक कार्यों में उपयोग में लाकर उनका शोषण किया जाता रहा है ।
शिक्षण प्रणाली में भी आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है । जिस ओर शासन को दलगत राजनीति से हटकर ध्यान देकर सुधार करने का प्रयत्न करना चाहिए ।

धन्यवाद !

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10 Jan 2020 11:27 AM

सहृदय आभार
धन्यवाद श्रीमन्

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