कृष्णकांत गुर्जर
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31 Dec 2019 03:49 PM
वाह वाह
वाह वाह
इश्क की ख़ातिर हम जान -ओ-तन फिदा कर बैठे ।
पी चुके बहुत तेरी बेवफ़ाई ज़हर अब तल़क।
कर लें दवा इस दर्दे दिल की लगाकर म़रहम दिल के ज़ख़्मों पर।
होश में तो आ लें अब परे जाँ थे ख़ुद से अब तल़क भुलाकर अपनी हस्ती फ़ँसते रहे तेरे फैलाए जालों मे।