Vindhya Prakash Mishra
Author
14 Dec 2019 10:32 PM
शुक्रिया आपका
ज़ब्ते इश़्क का इज़हार मुश़्किल है ।
ये वो आग़ है जो हमेशा सीने मे धधकती रहती है लाख बुझाये नही बुझती ।
श़ुक्रिया !