सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Author
3 Dec 2019 11:35 AM
आभार
आभार
नियति के चक्र से कोई न बच पायेगा।
नसीब मे जो लिखा है वो मिटा न पायेगा।
धन्यवाद!