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प्रूफ के तोर पर कापी पेस्ट
जब जाऊंगी ख़ुदा से मिलने फ़रियाद लिए हांथों में,
गिड़गिड़ाऊंगी- न दूसरा जन्म देना अब इंसानो में,
मेरी इस बात का बिलकुल बुरा न मानना, माँ !
वक़्त से पहले क्यों मेरा गला घोंट दिया माँ?

… मो• एहतेशाम अहमद
आंडाल, पश्चिम बर्दवान (पश्चिम बंगाल)
संपर्क करें- 9378306061

This is a competition entry

Competition Name: साहित्यपीडिया काव्य प्रतियोगिता- “माँ”

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