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27 Nov 2018 09:27 AM

उत्कृष्ट रचना को मेरा सलाम,
मेरा भी एक वोट इस रचना के नाम |
माँ कविता नहीं स्वयं में काब्य है,
किन्तु फंस गयी वोटों के चक्रब्यूह में,
यह साहित्य का दुर्भाग्य है |

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27 Nov 2018 03:33 PM

Bilkul sahi kaha, ye voting ka chakkar thik nahi h. I’ll write to the editors of Sahityapedia

27 Nov 2018 04:02 PM

साहित्य पीडिया को यह बात समझनी चाहिए | माँ के व्यक्तित्व की विशालता को वोटो की संख्या से मापना ठीक नहीं | इससे उच्च कोटि के साहित्य की उपेक्षा होगी |

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