जिंदगी है इक ग़ज़ल, माँ उसकी है मौसिक़ी
बहुत सुन्दर मेरा ४४ वां वोट स्वीकार करे आपकी सुंदर रचना के लिए, धन्यवाद|
जिंदगी है इक ग़ज़ल, माँ उसकी है मौसिक़ी
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