मैं तो अभी जीएसटी का अंचल प्रभारी बन गया हूँ बस एक वर्ष और सेवा बची है उसके बाद तो समयाभाव नहीं रहेगा। अभी तो मासिक राजस्व संग्रह का लक्ष्य पूरा करते करते सारा दिमाग खप जाता है इसलिए साहित्यिक गतिविधि बहुत कम हो गई है।
मैं तो अभी जीएसटी का अंचल
प्रभारी बन गया हूँ बस एक वर्ष और सेवा बची है उसके बाद तो
समयाभाव नहीं रहेगा। अभी तो मासिक राजस्व संग्रह का लक्ष्य पूरा करते करते सारा दिमाग खप जाता है इसलिए साहित्यिक गतिविधि बहुत कम हो गई है।