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कर्ण साहब आपको बहुत बहुत बधाई, इस अतुलनीय साहसिक कार्य के लिए। “अंतस वितान” बहुत ही सुंदर शीर्षक है। शायद इसका अर्थ अपने मन का विस्तार है। आपकी रचनाएं कमाल की होती हैं मैं अक्सर पढ़ता रहता हूँ, आप की सफलता समाज के लिए भी जरूरी है…!!

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प्रशांतजी,हृदयतल से धन्यवाद 💐
एक कहानी संग्रह भी साहित्यपीडिया पर प्रकाशित कीजिये। कहानी जिसका
शीर्षक था ” नई जमीन”
उतना लम्बा होने के बाद भी
मैंने ध्यान से पढ़ा था।
आप बहुत सुंदर फिक्सन कहानी
लिखते हैं।

प्रणाम सर,
मैं आपका आभारी हूँ, आपने उसे पढ़ने के लिए समय निकाला। मेरे दो उपन्यास प्रकाशित हुए थे 2021 और 2022 में “मृदंगना एक संगीतमय योद्धा” और “रंगीन कफ़न, रंग बदलती परिभाषाएं” ।
दोनों उपन्यास के लिए मुझे अननोन रीडर से अच्छी प्रशंसा मिली थी, जो मैंने कभी सोची नहीं थी कि ऐसा भी होगा ।
अब मैं एक नए उपन्यास पर काम कर रहा हूँ जो पूरा हो चुका है बस एक प्रूफ रीडर तलाश रहा था, जो उसे पढ़कर कुछ सलाह दे सके मेरी कमियों को कांट छांट कर सके, पर प्रूफ रीडिंग बहुत मंहगा हो गया है।
जो भी है धन्यवाद सर…💐💐
और इस आकर्षक शीर्षक “अंतस वितान” किताब के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं…. ईश्वर आपको आपके मन मुताबिक सफलता दे…💐💐

मैं तो अभी जीएसटी का अंचल
प्रभारी बन गया हूँ बस एक वर्ष और सेवा बची है उसके बाद तो
समयाभाव नहीं रहेगा। अभी तो मासिक राजस्व संग्रह का लक्ष्य पूरा करते करते सारा दिमाग खप जाता है इसलिए साहित्यिक गतिविधि बहुत कम हो गई है।

आपकी पदुन्नति के लिए आपको शुभकामनाएं…..💐

आपकी आयु 59 है, यह सुनकर आश्चर्य है कि फ़ोटो में नहीं लगता, आपने अपनी उम्र को बांध दिया है जिस प्रकार रावण ने शनि को अपने पलंग से बांध लिया था।

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