28 Apr 2024 09:24 PM
नमस्कार सर,
आप गुरु हैं, शिष्य का मान ना बढाएं, गुरु द्वारा की गयी आलोचना ही शिष्य के लिए आशीर्वाद है। इसलिए आप मेरी लिखित रचना पर अपनी अलोचनात्मक समीक्षा जरूर करें।।
28 Apr 2024 10:07 PM
सर बहुत बहुत धन्यवाद, मैं आपको साहित्य पीडिया पर काफी समय से पढ़ रहा हूं,आपकी कविताओं में सटीक एवं सुंदर भाव रहता है,स्तरीय है।
28 Apr 2024 10:14 PM
धन्यवाद सर, मैं कोशिश करूंगा इस स्तरीयता को गहराई में परिवर्तित कर सकूँ, क्योंकि जो लेखन जीवन की गहराई को छू नहीं सकता वह साहित्य के वृक्ष से पतझड़ के सूखे पत्तों की भाँति गिर जाता है, अर्थहीन होकर मिट्टी में मिल जाता है।
28 Apr 2024 10:29 PM
सोलंकी जी ये कथन आप के किसी प्रशस्ति पत्र से कम नही है,सुरेश कुमार चतुर्वेदी जी बहुत अनुभवी लेखक है।
29 Apr 2024 09:46 AM
बिलकुल सर बिलकुल….💐
नमस्कार सोलंकी साहब।