Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

मेरे एकांतवास को भंग किया,
तुमने अपना परिचय देकर,
मेरे शांत अप्रवास को तोड़ने की
तुमने आज पहल कर दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...