पूरा उपन्यास यथार्थ के धरातल पर लिखा गया प्रतीत होता है। सरकार को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देकर समाधान हेतु शीघ्र ठोस कदम उठाना चाहिए, क्योंकि अन्नदाता तो किसान ही हैं। इस पृष्ठभूमि में लिखा गया यह प्रथम उपन्यास लगता है। कुल मिलाकर “दुर्दशा” एक बेहतरीन उपन्यास है।👌👌👌👌👌💐💐
पूरा उपन्यास यथार्थ के धरातल पर लिखा गया प्रतीत होता है। सरकार को किसानों की समस्याओं पर ध्यान देकर समाधान हेतु शीघ्र ठोस कदम उठाना चाहिए, क्योंकि अन्नदाता तो किसान ही हैं। इस पृष्ठभूमि में लिखा गया यह प्रथम उपन्यास लगता है। कुल मिलाकर “दुर्दशा” एक बेहतरीन उपन्यास है।👌👌👌👌👌💐💐