Ram Krishan Rastogi
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3 Dec 2022 05:03 PM
श्री रजक जी धन्यवाद
हम डर कर घबराकर जिंदगी जीते हैं।
फिर मैं कैसे कहूं कि तुम, नजरों से पीते हों। बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका