सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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4 Nov 2022 09:18 AM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर 🙏🎉
अतिसुंदर !🌷
झूठ के अंधेरे में सत्य कहीं विलुप्त होकर
रह गया है,
माया के छलावे में यथार्थ कहीं सुप्त होकर रह गया है ,
धन्यवाद !