'अशांत' शेखर
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27 Aug 2022 09:54 PM
जी बहोत बहोत धन्यवाद पापी पेट के लिए तो जाना ही पड़ता है आप सब बहोत याद आओगे, इतने खूबसूरत अल्फाज़ो की दुनिया के हसीं लोग सिर्फ लफ्ज़ो से बंधे हुए थे एक अज़ीब रिश्ता बन गया था आप जैसे लोगो के साथ शुक्रिया धन्यवाद आभार 👍👍👍💐💐💐
29 Aug 2022 01:51 PM
शरीर को जिंदा रखने के लिए पापी पेट की माननी पड़ेगी। जिंदा रहने के लिए अल्फाजों की दुनिया चाहिएगी वो क्यों छोड़ रहे हैं।
नए मुसाफ़िर के लिए अंजाना रहता है हर सफर
जिंदगी का हर पहलु इम्तिहाँ है बस चलकर देखो.. आप भी नए रास्ते जा रहे हैं, नए देश जा रहे हैं।।👌👌 “शुभकामनाओं को साथ ले जाएं
कड़वी यादें यहीं छोड़ जाए।”🙏🏾