Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

थाम लिया तेरा हाथ
थाम लिया तेरा हाथ बदल ना जाना कही
राहें बहुत पथरीली है मचल ना जाना कही
दूर दूर खामोश इन रास्तो मे
इधर उधर हो ना जाना कही
लम्बे बदलते मौषम के इस सफर मे
मजिल पहुंचते पहुंचते बिष्ठुर ना हो जाना कही
मुश्किल दौर इस राहें जहाँ मे
पराया समझ के बिछड़ ना जाना कही
डर लगता हैँ जुदाई के जिस परिदे से
वह परिंदा बनकर उड़ ना जाना कही
बस रहना इस दिल मे हमसफर बनकर
राहें मोहब्बत किसी की देखकर मुँह मोड़ ना लेना कही….
@देव

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...