लगता है आपने भी मेरी समीक्षा को ध्यानपूर्वक नहीं पढ़ी और समीक्षा के भाव तक नहीं पहुंची,वैसे भी खरीदे हुए महगे सुन्दर कपडो से ज्यादा बहुमूल्य शरीर है और ठंढ से बचाव के लिए उपाय करना आवश्यक है।
ठंढ किसी को यह कह कर नहीं लगती कि_ मैं ठंढ हूँ और तुम्हें लगने जा रहा हूँ।
और जब ठंढ लगकर फेफड़ा जकड़ जाए और न्यूमोनिया हो जाए तो फिर उन्हीं कोट और शाल की जरूरत पड़ती है।
लगता है आपने भी मेरी समीक्षा को ध्यानपूर्वक नहीं पढ़ी और समीक्षा के भाव तक नहीं पहुंची,वैसे भी खरीदे हुए महगे सुन्दर कपडो से ज्यादा बहुमूल्य शरीर है और ठंढ से बचाव के लिए उपाय करना आवश्यक है।
ठंढ किसी को यह कह कर नहीं लगती कि_ मैं ठंढ हूँ और तुम्हें लगने जा रहा हूँ।
और जब ठंढ लगकर फेफड़ा जकड़ जाए और न्यूमोनिया हो जाए तो फिर उन्हीं कोट और शाल की जरूरत पड़ती है।