काल्पनिक बातें , कविता में निहीत भाव, अलंकार, अभिधा, लक्षणा और व्यंजना की भी स्पष्ट जानकारी नहीं हो और अनर्गल भाव अभिव्यक्त हो रहा हो तो काव्य रचना पढ़ने से क्या लाभ?
काल्पनिक बातें , कविता में निहीत भाव, अलंकार, अभिधा, लक्षणा और व्यंजना की भी स्पष्ट जानकारी नहीं हो और अनर्गल भाव अभिव्यक्त हो रहा हो तो काव्य रचना पढ़ने से क्या लाभ?