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दिल जला दिया है तो जख़्म ना दे इस दम़ नज़र के सामने ,
ए बेवफा ये स़ितम ना कर मेरे आशियां को हवा ना दे ,
मेरे टूटे दिल के टुकड़े ना जोड़िये मेरी खामोशी को न तोड़िये है ,
यही आईना तो है काम का जो टूट कर भी सदा
ना दे ,
वो बात न कर मेरे हमनवा ग़मे इश्क़ में जो मज़ा
ना दे ,
मुझे ज़िंदगी से गरज नहीं मुझे ज़िंदगी की दुआ
ना दे ,

श़ुक्रिया !

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31 Aug 2021 09:16 AM

वाह सर बहुत खूब??

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