सच्चे अर्थ में देखा जाए, तो ये नारी स्तुति नहीं है बल्कि भारतीय नारी को अपने खोए हुए स्वरूप की याद दिलाने वाली और स्वाभिमान जागृत करने वाली काव्य रचना है।
सच्चे अर्थ में देखा जाए, तो ये नारी स्तुति नहीं है बल्कि भारतीय नारी को अपने खोए हुए स्वरूप की याद दिलाने वाली और स्वाभिमान जागृत करने वाली काव्य रचना है।