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खाली नारी को ही उपदेश या सहानुभूति की जरूरत है क्या?

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25 Jun 2021 07:35 AM

‘माता गुरुतरा भूमेरू।’
(अर्थात, माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं।)

जो असल में माता है, उसमे करोड़ों तो सही रूप में माता का कर्तव्य निभा नही पा रही, ऊपर से आप हर नारी को माता का दर्जा देने की बात कर रहें है।
अब वो प्राचीन काल वाली बात गई।
हां हर स्त्रीवर्ग को नारी बनने की कोशिश जरूर करनी चाहिए।
नारी बहुत व्यापक शब्द है।
मुझे तो लाखों में दो चार नारी ही दिखती आज कल।

25 Jun 2021 08:02 AM

उसके लिए मेरी काव्य रचना “मैं हूँ ममता”का अवलोकन करें

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