कोई छतरी तानता, ज्यों बरसी बरसात । गोरी चूनर ओढ़ती, छिड़ी प्रेम की बात ।। ??प्रणाम??मनभावन बहुत सुंदर लिखे हैं सर?? ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये शब्द मुझसे ही जुड़ा हो ।??
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धन्यवाद, Dr. Man Mohan Krishna जी!
कोई छतरी तानता, ज्यों बरसी बरसात ।
गोरी चूनर ओढ़ती, छिड़ी प्रेम की बात ।।
??प्रणाम??मनभावन बहुत सुंदर लिखे हैं सर??
ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये शब्द मुझसे ही जुड़ा हो ।??