सिद्धार्थ गोरखपुरी
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22 May 2021 08:55 PM
धन्यवाद श्रीमान जी
जिंदगी सबको प्यारी है, रूठी प्रकृति हमारी है,
क्या अच्छा क्या बुरा कहां देख रही महामारी है
सुंदर ___शेर लिखा जी, धन्यवाद