सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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8 May 2021 04:40 PM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
जल ही जीवन है बिन जल सब सून!
आज हमने जल, वायु, सौरमंडल, धरती, पहाड़, नदी पोखर, सबको या तो दूषित कर दिया या फिर दोहन करके नष्ट! इसकी आवश्यकता को रेखांकित करती रचना बहुत उपयोगी है,सादर प्रणाम श्रीमान चतुर्वेदी जी।