सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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3 May 2021 10:18 AM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर, सही कहा आपने, व्यवस्था ही ऐसी है, हमारे हाथ में कुछ नहीं है। एक सांप, एक नागनाथ हैं,तीजे तो इनके भी बाप हैं। जनता मारी गई विचारी, भैया इनकी है बलिहारी।। आपको बहुत बहुत धन्यवाद सर।
3 May 2021 10:29 AM
बहुत सही बोलो हो श्रीमान । पूर्ण सहमत हूँ आपकी विचार शैली से ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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3 May 2021 05:26 PM
आपको सादर अभिवादन धन्यवाद सर
सर किसी भी नेता किसी भी पार्टी से कोई उम्मीद नही करनी चाहिए क्यों कि ये चाहते ही नही कि आम जनता तरक्की करे क्योकि अगर आम जनता ने तरक्की की तो जनता इनसे सबाल करेगी इनके काम पर प्रश्न करेगी।
कोरोना की दूसरी लहर में मरीज करना संक्रमण की गम्भीरता से कम सरकारी लापरवाही से ज्यादा मर रहा है। संसाधनों की कमी से ज्यादा मर रहा है। ऑक्सिजन नही, रेमदेसेवीर नही, डोक्सि सीयक्लिंन नही, अस्पतालों में बीएड नही, ऑक्सिजन कन्टेनर नही।
वर्तमान सरकार हर समस्या पर हाथ खड़ा कर देती है सिवाय लम्बी चौड़ी बात करने के।
प्रदूषण आम जनता करती है ।
चोरी-गुंडई आम जनता करती है।
शहरों की समस्या आम जनता ने बड़ाई है।
बेरोजगारी आम जनता ने जनसंख्या बड़ा कर बड़ाई है।
महंगाई आम जनता ने मांग बड़ा दी है इसलिए।
सरकार हर मुद्दे पर हाथ खड़े कर देती है, फिर सरकार से पूछो सरकार हमारे टैक्स का क्या करती है, हम क्यों उनको टैक्स दे, जब हर चीज का इन्तजाम आम जनता को खुद ही करना।
सड़क पर चलने का टॉल टैक्स।
हर सामान की खरीद पर GST ।
इसलिए ममता हो या मोदी या फिर राहुल या केजरीवाल , सब के सब भिन्न भिन्न प्रकार की जोक है जो आम आदमी को केवल चुसती है ,सपने दिखाकर और जलेवी जैसी बातें बनाकर।