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आप पूर्ब सरपंच रहे हैं, आपको अनुभव है,सच है, सामाजिक डर नहीं रहा, आपसी प्रेम सहमति नहीं है । अहंकार अहं इत्यादि क ई कारणों से पंचायत में आस्था घटी है। लेकिन आज विश्व स्तर पर भी पंचायत है। आपको सादर प्रणाम।

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