सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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24 Apr 2021 12:32 PM
आप पूर्ब सरपंच रहे हैं, आपको अनुभव है,सच है, सामाजिक डर नहीं रहा, आपसी प्रेम सहमति नहीं है । अहंकार अहं इत्यादि क ई कारणों से पंचायत में आस्था घटी है। लेकिन आज विश्व स्तर पर भी पंचायत है। आपको सादर प्रणाम।
श्रीमान चतुर्वेदी जी आपने पंचायत पर अपनी राय प्रकट की है, मैं भी पंचायत में काम कर चुका हूं, मैंने पंचायत के माध्यम से अनेकों मसले सुलझाए हैं, धीरे धीरे पंचायत पर आस्था कम हो रही है, अब बहुत से लोग पंचायत के निर्णय को मानने से इंकार कर देते हैं, बहुमत को भी स्वीकार नहीं करते, उन्हें इस प्रक्रिया पर भरोसा नहीं रहा है, और इसकी झलक अब न्यायालयों में भी महसूस की जाने लगी है! फिर भी यह आज तक प्रासंगिक है, यही कम नहीं! सादर प्रणाम!